साहित्य

कोरोना जागरूकता विशेष कविता/ मुँह नाक में टोपी व वैक्सीन ही है दवाई

लगाये रखनाअपने मुँह नाक की टोपी।
कहें जिसे मास्क भी लाइफ तब होगी।

कैसा दौर है आया कुछ समझ न आये।
नया वैरियंट गया नहीं है दूजा आ जाये।

गजब कोरोना ये आई मुश्किल बीमारी।
प्राकृतिक बिलकुल ये लगे नहीं बीमारी।

इंसान त्रस्त हो गया ऐसी है ये महामारी।
पढ़ाई लिखाई रोजगार जा रही है मारी।

प्रथम द्वितीय लहरों का खतरा है झेला।
तीसरी लहर की पुनः आरही अब बेला।

चाइना ने ऐसी की है जग से नाइंसाफी।
दुनिया में कहीं पाने लायक ना है माफ़ी।

कोरोना संक्रमण ने करोड़ों जानें ले लीं।
अर्थव्यवस्था लोगों से नौकरियाँ ले लीं।

कभी ब्लैक व्हाइट फंगसों से हैं परेशान।
कभी येलो ग्रीन फंगस कर रहा परेशान।

लगता नहीं साल दो साल अभी जायेगा।
बच्चों बूढों जवानों सबपर कहर ढायेगा।

वैक्सीन तो लगवा लो ही सब कोई भाई।
मुँह नाक में टोपी व वैक्सीन ही है दवाई।

लापरवाही छोड़ें भैया पड़ जायेगी भारी।
आफत में पड़ जायें गें जां पे होगी भारी।

कोरोना अभी गया नहीं अभी नहीं दवाई।
सतर्क रहें व सुरक्षित रहें किये रहें कड़ाई।