चंडीगढ़

चंडीगढ़/ पीएम गतिशक्ति पोर्टल को लेकर विशेष सचिव, डीपीआईआईटी ने की प्रेस वार्ता

विशेष सचिव ने क्षेत्र की क्षेत्रीय रसद आवश्यकताओं की समीक्षा की और राष्ट्रीय गतिशक्ति पहल और राज्य सरकारों की मानार्थ भूमिका पर प्रकाश डाला 

इस पोर्टल पर अब तक 39 मंत्रालय व 36 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश हुए नामांकित

पीएम गतिशक्ति ने भारत के बुनियादी ढांचे में एक परिवर्तनकारी लहर प्रज्वलित की है : सुमिता डावरा, विशेष सचिव, डीपीआईआईटी

चंडीगढ़ : भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में डीपीआईआईटी की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान क्षेत्र की क्षेत्रीय लॉजिस्टिक जरूरतों की समीक्षा की और राष्ट्रीय गतिशक्ति पहल और राज्य सरकारों की मानार्थ भूमिका पर प्रकाश डाला। पीएम गतिशक्ति पहल को लागू करने में पिछले दो वर्षों में हुई असाधारण प्रगति को चिह्नित करते हुए उनके साथ हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण और भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी के निदेशक सुमीत जारंगल भी थे।

पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) संबंधित मंत्रालयों/ विभागों में एकीकृत और समग्र योजना के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है ताकि मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार किया जा सके और लोगों और वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अंतराल को संबोधित किया जा सके, जिसमें व्यवधानों को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सुनिश्चित किया जा सके ।

वार्ता के दौरान पीएम गतिशक्ति की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करते हुए कई प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। यह बताया गया कि पीएम गतिशक्ति ने कोयला, इस्पात और बंदरगाहों जैसे आवश्यक क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले 156 बुनियादी ढांचे के अंतराल की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । सरकार ने 2023-24 के केंद्रीय बजट में 100 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपये का पर्याप्त आवंटन किया।

डीपीआईआईटी की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने सम्मेलन के दौरान कहा, ‘इस महत्वपूर्ण उपक्रम ने पूरे भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के एक नए युग की शुरुआत की है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’ उन्होंने यह भी साझा किया गया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 8890 किलोमीटर से अधिक सड़कों के लिए योजनाओं को सुव्यवस्थित किया, जिससे विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में लगने वाला समय घटकर मात्र 15 दिन रह गया। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पाइपलाइन योजना को सुव्यवस्थित किया है, जिससे रिपोर्ट तैयार करने का समय 24 घंटे तक कम हो गया है।

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय, डीपीआईआईटी के निदेशक सुमीत जारंगल ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बुनियादी ढांचे की योजना भी पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति पोर्टल टिकाऊ और कुशल परिवहन की दिशा में इस महत्वपूर्ण बदलाव की योजना में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा की पीएम गतिशक्ति की उपलब्धियां हमारे राष्ट्र की सहयोगात्मक भावना का एक प्रमाण हैं। सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सफलतापूर्वक राज्य-स्तरीय तंत्र स्थापित किए हैं और राज्य मास्टर प्लान पोर्टलों का अनुकूलन किया है।

इस दौरान इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि पीएम गतिशक्ति ने अपनी घरेलू प्रशंसा से परे, जी20 बैठकों, बी20 आयोजनों, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) सम्मेलन और वैश्विक हितधारकों के साथ बातचीत के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।

डीपीआईआईटी की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने आगे कहा कि पीएम गतिशक्ति ने भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी लहर जगाई है। डेटा का एकीकरण, नीति आयोग के साथ अभिसरण और व्यापक क्षमता निर्माण इसकी सफलता में सहायक रहे हैं।